आधुनिक युग में वेदों का महत्व और प्रासांगिकता: एक नए परिप्रेक्ष्य में

Authors

  • डॉ. सुभाष चंद्र शास्त्री

Abstract

 

 

आधुनिक युग में वेदों का महत्व और प्रासांगिकता नई दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। यह धार्मिक और सांस्कृतिक धाराओं का स्रोत है, जिसने समय के साथ अपना मौद्रिक स्वरूप बनाए रखा है। वेदों में विभिन्न शाखाएं हैं जो विज्ञान, योग, धर्म, राजनीति, और समाजशास्त्र पर विचार करती हैं।आधुनिक युग में, वेदों के सिद्धांतों ने आत्म-विकास, मानवीय संबंध, और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में नए दृष्टिकोण प्रदान किये हैं। वेदों की शिक्षाएं आधुनिक विज्ञान, तकनीक, और सामाजिक समस्याओं का समाधान ढूंढने में मदद कर सकती हैं।वेदों में जीवन को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखने की क्षमता भी है, जिससे लोग अपने लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सकारात्मक भावना बनाए रख सकते हैं। इस प्रकार, आधुनिक युग में वेदों का महत्व और प्रासांगिकता सद्गुण है, क्योंकि वे जीवन को समृद्धि, समरसता, और सद्गुण से भरपूर बनाने में मदद कर सकते हैं।

Downloads

Published

2000-2024

How to Cite

डॉ. सुभाष चंद्र शास्त्री. (2024). आधुनिक युग में वेदों का महत्व और प्रासांगिकता: एक नए परिप्रेक्ष्य में. African Diaspora Journal of Mathematics ISSN: 1539-854X, Multidisciplinary UGC CARE GROUP I, 22(2), 74–80. Retrieved from https://newjournalzone.in/index.php/ijmfsmr/article/view/173

Issue

Section

Articles