शहरी निरक्षर प्रौढ महिलाओ एवं ग्रामीण निरक्षर प्रौढ महिलाओ के पारिवारिक मूल्यों के प्रति अभिवृति का तुलनात्मक अध्ययन करना।

Authors

  • नेहा वर्मा (शोधार्थी) and डॉ शिवानी श्रीवास्तव

Abstract

शिक्षा एक सतत रूप से चलने वाली प्रक्रिया है। शिक्षा का उद्देश्य व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास करना एवं जीवन स्तर को उँचा उठाना है। शिक्षा व्यक्ति को पशुता से उठाकर मानव बनाने असत्य से सत्य की ओरए अकल्याण से कल्याण की ओर, उन्मुख करने की प्रेरणा तथा क्षमता प्रदान करने वाली प्रक्रिया है। शिक्षा के द्वारा ही व्यक्ति स्व महिलाओं का सामाजीकरण सुरल तथा प्रभावपूर्ण होता है। शिक्षण व्यक्ति के जीवन पर्यन्त वाली महत्वपूर्ण प्रक्रिया है। शिक्षा निर्देशन भी है और जीवन से जोड़ने की उसे गतिमान करने की प्रक्रिया भी। व्यक्ति का चहुमुखी विकास ही शिक्षा है। अपनी अस्मिता की वास्तविकता पहचान शिक्षा के द्वारा ही होती है। इस तरह शिक्षा एक सोउदेश्य पूर्ण प्रक्रिया है, यह ज्ञान का स्थायी स्त्रोत है। पारिवारिक मूल्यों की शिक्षा भी उद्देश्य पूर्ण है। जो वर्तमान में अति आवश्यक है। और समाज के मार्गदर्शन में सहायता प्रदान करता है।

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Published

2000-2024

How to Cite

नेहा वर्मा (शोधार्थी) and डॉ शिवानी श्रीवास्तव. (2024). शहरी निरक्षर प्रौढ महिलाओ एवं ग्रामीण निरक्षर प्रौढ महिलाओ के पारिवारिक मूल्यों के प्रति अभिवृति का तुलनात्मक अध्ययन करना।. African Diaspora Journal of Mathematics ISSN: 1539-854X, Multidisciplinary UGC CARE GROUP I, 25(3), 44–52. Retrieved from https://newjournalzone.in/index.php/ijmfsmr/article/view/186

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