वैश्विक आधुनिकरण में भारतीय आधुनिक शिक्षा, नई शिक्षा नीति का राष्ट्र निर्माण में महत्व एवं योगदान
Abstract
प्रत्येक व्यक्ति जिस समाज में रहता है वह नैतिक नियमों, सामाजिक परम्पराओं और संस्कृति से जुड़ा रहता है। इन मूल्यों का पालन करना नैतिक कर्तव्य होता है। प्रत्येक मूल्य हमारे जीवन के हर क्षेत्र में संस्कृति के निर्माण में सहायक होते हैं। आज विश्व बड़ी तेजी से बदल रहा है। ज्ञान, विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कम्प्यूटरीकरण और तकनीकी में नित नये प्रयोगों तथा नवोन्मेषी अनुसंधानों ने ज्ञान की दिशा बदल दी है। ऐसे में भारतीय नागरिकों को आवश्यकता थी एक नयी आधुनिक शिक्षा प्रणाली की जिसमें भारतीय संस्कृति एवं मूल्यों की जडें तो हो ही परन्तु साथ ही आधुनिक विश्व की दौड़ में दौड़ने के लिये उपयुक्त साधन भी हो। सरकारी प्रयासों द्वारा भारत में नई शिक्षा नीति 2020 का आरम्भ हुआ और इसे सम्पूर्ण भारत पाठ्यक्रमों में लागू कर विद्यार्थियों को लाभान्वित किया जा रहा है। इस नीति के तहत बालक के सर्वांगिण विकास पर कार्य किया गया है। आधुनिक तकनीकों को शामिल किया गया है। विभिन्न अभियानों को जोड़ा गया है। प्रौद्योगिकी व शारीरिक शिक्षा पर बल दिया गया है। स्किल डवलपमेंट पर विषयों को जोड़ा गया है। इसका उद्देश्य एवं लक्ष्य स्पष्ट है- एक नवीन राष्ट्रीय निर्माण, जो अन्र्तराष्ट्रीय स्तर पर भारत का परचम लहरायेगा।
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Copyright (c) 2022 African Diaspora Journal of Mathematics ISSN: 1539-854X, Multidisciplinary UGC CARE GROUP I
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