सार्वभौमिक मानव अधिकारों पर अध्ययनात्मक वर्णनएवं‘राष्ट्रीय मानवाधिकारआयोग‘की भूमिका

Authors

  • डा0 पल्लवी सिंह

Abstract

मानवअधिकार वह अधिकार है, जोकि इस पृथ्वी पर हर व्यक्ति, केवल एक इंसान होने के कारण ही प्राप्त करता है, यें अधिकार विश्वव्यापी हंै और वैश्विक कानूनों द्वारा संरक्षित है। सदियों से मानव अधिकारों और स्वतंत्रता का विचार अस्तित्व में है। मानव अधिकारों में वे मूल अधिकार शामिल है जोजाति, धर्म, लिंग या राष्ट्रीयता की परवाह किए बिना हर इंसान को दिए जाते हैं। यह भारतीय संविधान के भाग तृतीया के अनुच्छेद 14 में 32 तक वर्णित है। अनुच्छेदों में दर्ज सार्वभौमिक इन अधिकारों पर मनुष्य का जन्मजात अधिकार है, किंतु आज भी इन अधिकारों की जानकारी के अभाव में एक व्यक्ति के द्वारा अथवा सरकार या कानून द्वारा, अन्य व्यक्तियों के अधिकारों का हनन हो रहा है। यह अधिकार कानून द्वारा संरक्षित है

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Published

2000-2024

How to Cite

डा0 पल्लवी सिंह. (2024). सार्वभौमिक मानव अधिकारों पर अध्ययनात्मक वर्णनएवं‘राष्ट्रीय मानवाधिकारआयोग‘की भूमिका. African Diaspora Journal of Mathematics ISSN: 1539-854X, Multidisciplinary UGC CARE GROUP I, 24(6), 128–144. Retrieved from https://newjournalzone.in/index.php/ijmfsmr/article/view/130

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