[1]
डॉ. सुभाष चंद्र शास्त्री, “आधुनिक युग में वेदों का महत्व और प्रासांगिकता: एक नए परिप्रेक्ष्य में”, ADJM, vol. 22, no. 2, pp. 74–80, Feb. 2024.